Rahat Indori Latest Shayari : दर्द में राहत देने वाली शायरी
हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जातेजान होती तो मिरी जान लुटाते जातेअब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता हैउम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते..
सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें..
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं,
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं.
प्यार के उजाले में गम का अँधेरा क्यों है,जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है,मेरे रब्बा अगर वो मेरा नसीब नहीं तो,ऐसे लोगो से हमे मिलता क्यों है.
मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है,और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिनआने जाने में किराया भी बहुत लगता है.
धनक है, रंग है, एहसास है की खुशबू है,चमक है, नूर है, मुस्कान है के आँसू है,मैं नाम क्या दूं उजालों की इन लकीरों कोखनक है, रक्स है, आवाज़ है की जादू है.
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तोदोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो.
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए,भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए.
तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो,
वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो,
सितम करो तो मिसाल कर दो,
करम करो तो कमाल कर दो.
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे.