UPI charges: भारत में डिजिटल पेमेंट की जब भी बात होती है, तो सबसे पहला नाम आता है UPI (Unified Payments Interface) का। आज के समय में लगभग हर कोई, चाहे वह छात्र हो, नौकरीपेशा व्यक्ति हो या फिर कोई दुकानदार—सब अपने मोबाइल से ही UPI पेमेंट करते हैं।
आपने भी कई बार यह सवाल सुना या सोचा होगा – “क्या UPI हमेशा फ्री रहेगा?”, “क्या हमें पेमेंट करने पर कोई छुपा हुआ शुल्क तो नहीं देना पड़ता?” या फिर “नए नियम क्या कह रहे हैं?”
तो चलिए आज हम आपको बिल्कुल आसान भाषा में बताते हैं कि UPI चार्जेस 2025 में क्या बदलाव हुए हैं, किन परिस्थितियों में चार्ज लग सकता है, और आम यूज़र (जैसे आप और हम) पर इसका क्या असर पड़ेगा।
UPI charges | सबसे पहले जान लीजिए – क्या अभी UPI फ्री है?
जी हाँ! अगर आप अपने बैंक खाते से किसी दूसरे बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर करते हैं, चाहे Google Pay, PhonePe, Paytm या फिर किसी भी UPI ऐप से—तो इस पर कोई शुल्क नहीं लगता।
मतलब, आप 100 रुपये भेजें या 1 लाख रुपये, आपके लिए UPI पेमेंट फ्री ही रहेगा।
यह सुविधा इसलिए है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें और कैश पर निर्भरता कम हो।
कब लग सकता है UPI चार्ज?
अब यहाँ असली खेल शुरू होता है। UPI पूरी तरह फ्री है, लेकिन कुछ खास हालात में चार्जेस लागू होते हैं।
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अगर आप UPI से Wallet (जैसे PhonePe Wallet, Paytm Wallet) में पैसे डालते हैं और वह 2,000 रुपये से ज़्यादा का है।
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इस पर Interchange Fee लगती है।
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यह शुल्क ग्राहक पर नहीं बल्कि व्यापारी या वॉलेट प्रोवाइडर पर लगता है।
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प्रतिशत के हिसाब से यह 0.5% से 1.1% तक हो सकता है।
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ICICI Bank का नया नियम (1 अगस्त 2025 से):
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पेमेंट एग्रीगेटर (जैसे Razorpay, PayU, या फिर GPay/PhonePe जो दुकानदार के लिए पेमेंट लेते हैं) से अगर पैसा सेटल होता है, तो बैंक ने छोटा सा शुल्क लागू किया है।
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उदाहरण के लिए, ₹100 पर सिर्फ ₹0.02 यानी 2 पैसे।
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लेकिन अगर Aggregator escrow अकाउंट नहीं रखता तो ₹100 पर ₹0.04 (4 पैसे) तक।
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यह सीधे दुकानदार पर लागू होगा, आम यूज़र यानी आप और हम पर नहीं।
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UPI charges | सरकार ने क्या कहा?
कई बार अफवाह फैलती है कि “अब से हर पेमेंट पर चार्ज लगेगा”। लेकिन सरकार और NPCI (National Payments Corporation of India) ने साफ कहा है:
ग्राहकों पर कोई UPI शुल्क नहीं लगेगा।
फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव भी नहीं है।
मतलब आप रोज़मर्रा की खरीदारी—सब्ज़ी, दूध, किराना या ऑनलाइन शॉपिंग—जैसी पेमेंट्स निश्चिंत होकर कर सकते हैं।
UPI के नए नियम 2025 (1 अगस्त से लागू)
अब थोड़ा ध्यान से पढ़िए क्योंकि ये बदलाव आपकी रोज़ाना की UPI आदतों को प्रभावित कर सकते हैं:
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बैलेंस चेक लिमिट:
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अब आप किसी एक ऐप (जैसे PhonePe या GPay) से दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे।
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हर ट्रांजैक्शन के बाद बैलेंस अलर्ट:
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अब हर सफल पेमेंट के बाद आपका बैलेंस अपने आप स्क्रीन पर दिखेगा।
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बैंक अकाउंट जोड़ने की लिमिट:
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अब किसी भी एक ऐप पर आप दिन में 25 से ज्यादा बैंक अकाउंट नहीं जोड़ पाएंगे।
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ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक:
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अगर कोई पेमेंट अटक जाए, तो आप उसका स्टेटस सिर्फ 3 बार ही चेक कर सकते हैं।
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हर बार के बीच 90 सेकंड का गैप होना ज़रूरी है।
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ऑटो-डेबिट पेमेंट (EMI, SIP, बीमा प्रीमियम):
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ये केवल ऑफ-पीक टाइम (रात 9:30 बजे से सुबह 10 बजे तक) ही प्रोसेस होंगे।
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क्यों लाए गए ये बदलाव?
सोचिए, हर दिन 24 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का लेन-देन UPI से हो रहा है। जून 2017 में जहां यह आंकड़ा 3,000 करोड़ के आसपास था, वहीं जून 2025 में यह 24 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है।
इतने बड़े वॉल्यूम को संभालने के लिए सिस्टम पर प्रेशर बहुत बढ़ जाता है। इसी वजह से NPCI और बैंक समय-समय पर छोटे-छोटे बदलाव करके सिस्टम को सुरक्षित और स्मूथ बनाए रखते हैं।
व्यापारियों के लिए UPI चार्जेस का मतलब
अगर आप एक दुकानदार या ऑनलाइन व्यापारी हैं तो आपको यह जानना ज़रूरी है:
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अगर ग्राहक UPI से पेमेंट करता है, तो आपके लिए ज्यादातर मामलों में यह फ्री है।
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लेकिन अगर पेमेंट Aggregator (जैसे PayU, Razorpay) के जरिए आ रहा है, तो छोटा-सा चार्ज बैंक की तरफ से काटा जा सकता है।
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यह शुल्क भी बहुत मामूली है—2 पैसे या 4 पैसे प्रति 100 रुपये।
ग्राहकों के लिए अच्छी खबर
आम लोगों को किसी तरह का चार्ज देने की ज़रूरत नहीं है।
चाहे आप ऑनलाइन शॉपिंग करें, मोबाइल रिचार्ज करें, बिजली का बिल भरें या किसी दोस्त को पैसे भेजें—आपके लिए UPI पेमेंट हमेशा की तरह फ्री है।
आने वाले समय में क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि UPI भारत में इतना लोकप्रिय हो चुका है कि सरकार और बैंक मिलकर इसे ग्राहकों के लिए फ्री ही रखना चाहेंगे।
हाँ, व्यापारियों और Aggregators से थोड़ा शुल्क वसूला जाएगा ताकि सिस्टम को बनाए रखने और नई टेक्नोलॉजी पर निवेश करने में मदद मिल सके।
UPI के फायदे – क्यों लोग इतना इस्तेमाल करते हैं?
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फ्री ट्रांजैक्शन (ग्राहकों के लिए)
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24×7 उपलब्धता – बैंक छुट्टी या रविवार को भी काम करता है
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तेज़ और सुरक्षित – सेकंडों में पैसा ट्रांसफर
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QR कोड सपोर्ट – दुकानदार से पेमेंट करना आसान
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ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर सब्ज़ी खरीदने तक – हर जगह काम आता है
निष्कर्ष (Conclusion)
तो दोस्तों, अब आपको साफ समझ आ गया होगा कि—
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UPI आम यूज़र्स के लिए अभी भी पूरी तरह मुफ्त है।
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कुछ खास स्थितियों (जैसे Wallet ट्रांसफर ₹2000 से ज्यादा) में interchange fee लागू होती है, लेकिन यह ग्राहकों से नहीं ली जाती।
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नए नियम 2025 सिर्फ सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए लाए गए हैं।
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दुकानदारों और Aggregators पर मामूली शुल्क लगाया गया है, ग्राहकों पर नहीं।